महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर (एनपीआर) पर उन्होंने सोच-समझकर अपना रुख तय किया है। उद्धव के मुताबिक इसके लिए गठबंधन सरकार में सहयोगी दलों-कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ विचार-विमर्श भी किया गया।
शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ठाकरे ने कहा था कि सीएए पर किसी को डरने की जरूरत नहीं है और एनपीआर किसी को देश से बाहर निकालने के लिए नहीं है। इसके पहले ठाकरे यह भी कह चुके हैं कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी लागू किए जाने की इजाजत नहीं देगी, क्योंकि इससे हर धर्म के लोगों पर असर पड़ेगा। शिवसेना का नेतृत्व करने वाले उद्धव का यह रुख कांग्रेस और एनसीपी से अलग है।